मतदान समाप्त अब नतीजों का इन्तजार


आर.के.मिश्रा
देश में लोकसभा चुनाव में मतदान के सातों चरण पूर्ण हो गए। चुनाव प्रचार का कार्य समाप्त हो गया और सभी नेता अब आराम फरमाएंगे। न्यूज़ चैनल वाले भी अब बहस डिबेट से निकलकर एग्जिट पोल में लग जाएंगे। सभी तब तक अपने-अपने एग्जिट पोल को सही करार देंगे जब तक कि वोटों की गिनती पूरी होकर परिणाम घोषित न हो जाएं। इस चुनाव के प्रचार में सभी नेताओं ने एक दूसरे पर खूब आरोप प्रत्यारोप किए, खूब कीचड़ उछाले, एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमले किए गए, खूब हिंदू-मुसलमान, जाति, अगड़ा-पिछड़ा सब कुछ हुआ। अनाप-शनाप पैसे का इस्तेमाल हुआ। ज्यादातर नेताओं ने अपने भाषण में एक दूसरे को जमकर कोसा जबकि वास्तव में जनता से जुड़े मुद्दे पर बहस बहुत कम हुई। विकास की तो कोई बात ही नहीं कर रहा था। उम्मीदवार चयन से लेकर चुनाव प्रचार तक सिर्फ जाति, धर्म, हिंदू-मुसलमान ही होता रहा। सभी न्यूज़ चैनल भी यही ज्यादा करते दिखे, यह दीगर बात है कि अब चुनाव समाप्त होने और परिणाम आने के बाद यह सभी नेता यही कहते नजर आएंगे कि हमने तो विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था। यही इस देश में चुनाव का दस्तूर है। जनता भी जाति धर्म के नाम पर ही तय करते हैं कि किस को वोट देना है। राष्ट्रवाद तो सिर्फ नारे के तौर पर इस्तेमाल होता है। चुनाव में राष्ट्रवाद अथवा भारतीयता के लिए न तो नेता सोचते हैं और न ही जनता विचार करती है। अभी तो सभी पार्टियों के नेता दावा कर रहे हैं कि उन्हीं की पार्टी जीतेगी और वही सरकार बनाएंगे। 23 मई को स्पष्ट होगा कि अगली सरकार कौन बनाएगा और दिल्ली का ताज किसके सर पर होगा। तब तक इंतजार करिए और न्यूज़ चैनलों के एग्जिट पोल देखकर मनोरंजन करिए।